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May 19 2023, 13:10

...तो चौथी पास राजा का राजमहल हिल जाएगा, जेल से लिखे पत्र में मनीष सिसोदिया का पीएम पर निशाना

#manish_sisodia_letter_from_tihar_jail_targeting_pm_modi 

दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद से दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं। आप नेता मनीष सिसोदिया ने जेल से देश के नाम एक और पत्र लिखा है। अपने इस पत्र के जरिए सिसोदिया ने पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला है। आप नेता के इस पत्र को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आधिकारिक ट्विवटर हैंडल पर शेयर किया है।

मनीष सिसोदिया ने अपने ताजा पत्र में केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। इस पत्र में सिसोदिया ने कवित के माध्यम से केंद्र सरकार प हमला बोला है। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि अगर लोक कल्याणकारी और जन हितैषी योजनाओं पर अमल हुआ तो चौथी पास राजा का राजमहल हिल जाएगा। सिसोदिया का ये पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

कविता के जरिए कई मुद्दों को उठाया गया

मनीष सिसोदिया ने अपनी इस कविता के जरिए देश में व्याप्त गरीबी, कमजोर शिक्षा व्यवस्था, नफरत की राजनीति, तानाशाही शासन व्यवस्था जैसे मसलों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। साथ ही इस बात की भी चुनौती दी है कि केंद्र की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ लोग आवाज बुलंद करने लगे हैं। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार का अस्तित्व में आना उसी का जीता जागता प्रमाण है। कविता के लास्ट पैराग्राफ में वह लिखते हैं कि जेल भेजो या फांसी दे दो, अब ये कारवां रुकने वाला नहीं है।

 

केजरीवाल ने ट्विटर पर जारी किया पत्र

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे ट्विटर पर जारी किया जिसमें शीर्षक लिखा है, “जेल से मनीष सिसोदिया की चिठ्ठी देश के नाम”। मनीष सिसोदिया का यह पत्र ऐसे समय पर सामने आया है जब आज शुक्रवार को ईडी की उस चार्जशीट पर सुनवाई होने जा रही है, जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री को आरोपी बनाया गया है। ऐसे में अगर फैसला सिसोदिया के खिलाफ आता है तो केजरीवाल पहले से ही यह बताने के लिए तैयार होंगे कि मोदी सरकार उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है।

पढ़िए पूरी कविता

अगर, हर गरीब को मिली किताब

तो, नफरत की आंधी कौन फैलाएगा।

सबके हाथों को मिल गया काम,

तो सड़कों पर तलवारें कौन लहराएगा।

अगर पढ़ गया, हर गरीब का बच्चा

तो चौथी पास राजा का, राजमहल हिल जाएगा।

अगर हर किसी को मिल गई अच्छी शिक्षा और समझ,

तो इनका व्हाट्स एप का विश्वविद्यालय बंद हो जाएगा।

पढ़े लिखे और समझदारी की बुनियाद पर खड़े समाज को,

कोई कैसे, कोणी नफरत के माया जाल में फंसाएगा।

अगर पढ़ गया एक-एक गरीब का बच्चा

तो चौथी पास राजा का राजमहल हिल जाएगा।

अगर पढ़ गया समाज का हर बच्चा,

तो तुम्हारी चालाकियों और कुनीतियों पे सवाल उठाएगा।

अगर गरीब को मिली कलम की ताकत,

तो वो अपने 'मन की बात' सुनाएगा।

अगर पढ़ गया एक एक गरीब का बच्चा,

तो चौथी पास राजा का, राजमहल हिल जाएगा।

दिल्ली और पंजाब के स्कूलों में हो रहा शंखनाद,

पूरे भारत में अच्छे शिक्षा की अलख जगाएगा।

जेल भेजो या फाँसी दे दो,

ये कारवां रक नहीं पाएगा।

अगर पढ़ गया हर गरीब का बच्चा,

राजमहल तुम्हारा छिन जाएगा।

- मनीष सिसोदिया

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May 19 2023, 12:12

फिलीपींस से भारत लाया गया खालिस्तानी आतंकी अमृतपाल सिंह, दिल्ली एयरपोर्ट पर एनआईए ने किया गिरफ्तार

#khalistan_supporter_amritpal_singh_deported_from_philippines

खालिस्तान समर्थक आतंकी अर्श डल्ला और कनाडा में मौजूद आतंकी सुक्खा दूनी का करीबी अमृतपाल सिंह को फिलीपींस से भारत लाया गया है।अमृतपाल सिंह को फिलीपींस से डिपोर्ट कर गुरुवार की देर रात भारत लाया गया है।। दिल्ली एयरपोर्ट पर आते ही एनआईए ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया।अमृतपाल सिंह खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला और आतंकी सुक्खा दूनी का करीबी है। जानकारी के मुताबिक आतंकी अर्श डल्ला का सारा ऑपरेशन फिलीपींस में बैठकर गैंगस्टर मनप्रीत और अमृतपाल सिंह हेयर ही संभाल रहे थे।

अमृतपाल पंजाब के मोगा का रहने वाला है। लंबे वक्त से वो फिलीपींस में मौजूद था। उसके इशारे में पंजाब में कई खूनी वारदात को अंजाम भी दिया गया। बता दें कि अर्श डल्ला को भी इसी साल गृह मंत्रालय ने आतंकी घोषित किया था। उसका असली नाम अर्शदीप सिंह गिल है। डल्ला सारे ऑपरेशन की रुपरेखा तैयार करता था। फिलीपींस में बैठकर गैंगस्टर मनप्रीत और अमृतपाल उसको संभालते थे।

इसी साल मार्च के महीने में फिलीपींस सरकार की एजेंसियों ने इंटरपोल की वॉचलिस्ट में शामिल सिख कट्टरपंथी संगठन के तीन संदिग्ध सदस्यों को गिरफ्तार किया था। मध्य फिलीपींस के शहर इलोइलो से गिरफ्तार हुए सिख कट्टरपंथी संगठन के तीनों सदस्य भारतीय नागरिक बताए गए थे। तीनों संदिग्धों की पहचान मनप्रीत सिंह, अमृतपाल सिंह और अर्शदीप सिंह के तौर पर हुई थी। इन्हीं में से एक अमृतपाल सिंह को भारत लाया गया है। फिलीपींस में गिरफ्तार किए गए सभी खालिस्तान समर्थक आतंकी खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़े हुए हैं।

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May 19 2023, 11:10

सुप्रीम कोर्ट को मिले दो नए जज, सीजेआई चंद्रचूड़ ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा और वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन को शपथ दिलाई

#2_supreme_court_judges_to_take_oath_today

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता कल्पथी वेंकटरमण विश्वनाथन को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।मिश्रा और विश्वनाथन को आज भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ पद की शपथ दिलाई।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को इसकी घोषणा की थी। 

बार से सीधे नियुक्त होने वाले सुप्रीम कोर्ट के 10वें न्यायाधीश

कल्पथी वेंकटरमण विश्वनाथन पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी हैं। वह बार से सीधे नियुक्त होने वाले सुप्रीम कोर्ट के केवल 10वें न्यायाधीश हैं। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की सेवानिवृत्ति के बाद 11 अगस्त, 2030 को केवी विश्वनाथन भारत के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं। ऐसा होने पर वह एसएम सीकरी, यूयू ललित और पीएस नरसिम्हा के बाद सीधे बार से नियुक्त होने वाले भारत के चौथे मुख्य न्यायाधीश भी होंगे।

छत्तीसगढ़ से सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले पहले जस्टिस हैं पीके मिश्रा

न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पहले आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया है। वह सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले पहले छत्तीसगढ़िया हैं।

कॉलिजियम ने दो दिन पहले की थी नामों की सिफारिश

सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम ने दो दिन पहले ही इन दो नामों की सिफारिश केंद्र के पास भेजी थी, जिसे सरकार ने गुरुवार को मंजूरी दे दी थी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ के केंद्र को सिफारिश भेजी थी। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में 34 जज होने चाहिए, लेकिन अभी केवल 32 जज ही हैं। कुछ जजों के रिटायरमेंट के बाद जुलाई के दूसरे हफ्ते तक केवल 28 जज ही बचेंगे। इसी वजह से पहले इन दो जजों की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति की जाए। 

बता दें कि जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और एमआर शाह की सेवानिवृत्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 34 की स्वीकृत शक्ति से घटकर 32 हो गई थी। अब इन दोनों जजों के आने से शीर्ष अदालत में न्यायधीशों की संख्या फिर से अपनी स्वीकृत शक्ति के बराबर हो गई है।

केंद्र ने 48 घंटे में सिफारिश पर लगाई मुहर

केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश पर 48 घंटे के भीतर ही मुहर लगा दी। इसके तुरंत बाद ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों जजों की नियुक्ति का पत्र भी जारी कर दिया। इसकी जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ट्वीट करके दी है।

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May 19 2023, 10:48

एलन मस्क का बड़ा ऐलान, ब्लू सब्सक्राइबर्स अपलोड कर सकते हैं दो घंटे के वीडियो

#elon_musk_announces_two_hours_video_upload_new_feature_for_twitter

ट्विटर की कमान एलन मस्क के हाथों में आने के बाद से इसमें एक के बाद एक कई फैसले लिए जा रहे हैं। कई नए-नए फीचर्स मिलने लगे हैं।ब्लू टिक वेरिफाइड यूजर्स पर मस्क मेहरबान हुए हैं।ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने अपने ब्लू सब्सक्राइबर्स को एक सौगात दी है। जिसमें उन्होंने कहा है कि वे 2 घंटे लंबे वीडियो को अब ट्विटर पर पोस्ट कर सकते हैं।

एलन मस्क ने गुरुवार रात ये जानकारी दी कि ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर्स अब 2 घंटे तक लंबे या 8जीबी साइज तक के वीडियोज पोस्ट प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर सकते हैं। यानी लगभग एक पूरी मूवी को यहां पोस्ट किया जा सकता है। ये जानकारी मस्क ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए दी है।यानी इस सर्विस को पाने के लिए यूजर्स को ट्विटर ब्लू का सब्सक्रिप्शन लेना होगा। उसके बाद ही वो दो घंटे का लंबा वीडियो शेयर कर पाएंगे।

बता दें कि एक नॉन ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर केवल 140 सेकेंड तक यानी 2 मिनट 20 सेकेंड तक ही लिमिट वाला वीडियोज को प्लेटफॉर्म पर शेयर कर सकते हैं। ट्विटर के इस नए फीचर से अब ये यूट्यूब की तरह हो जाएगा, जहां लंबे ड्यूरेशन वाले वीडियोज पोस्ट किए जा सकते हैं।

हाल ही में मस्क ने ट्विटर के नए सीईओ का ऐलान भी किया थी। उन्होंने लिंडा याकारिनो को ट्विटर का नया सीईओ बनाया है। कंपनी ने डायरेक्ट मैसेज फीचर को रोल आउट किया था। इसके जरिए यूजर अब ट्विटर पर सीधा मैसेज भेज सकेंगे और सभी मैसेज एन्क्रिप्टेड होंगे। यानी कि इन मैसेज को कोई भी डिकोड नहीं कर पाएगा

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May 19 2023, 10:02

पीएम मोदी का तीन देशों का अहम दौरा आज से, 6 दिनों में 40 कार्यक्रमों में होंगे शामिल, 24 नेताओं से होनी है मुलाकात

#pm_modi_historic_tour_of_three_countries_in_six_days

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 6 दिनों का विदेश दौरा आज से शुरू हो रहा है। पीएम 19 मई से 24 मई के बीच जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर रहेंगे। आज से जापान के हिरोशिमा में जी-7 का सम्मेलन हो रहा है जो 21 मई तक चलेगा। पीएम मोदी शुक्रवार को जापान पहुंच जाएंगे। जापान के बाद पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी जाएंगे जहां वो 'इंडिया-पैसिफ़िक आइलैंड्स को-ऑपरेशन' सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद वो ऑस्ट्रेलिया जाएंगे।ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में क्वॉड की बैठक होनी थी।हालांकि ये दौरा रद्द कर दिया गया है। पीएम मोदी इस दौरान तीन शिखर सम्मेलनों में हिस्सा लेंगे और 40 से ज्यादा कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। साथ ही दुनियाभर के 24 से ज्यादा देशों के नेताओं से मिलेंगे।

जापान दौरा 19 से 21 मई तक

जापान में होने वाले जी-7 के शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी शामिल होंगे और उनका जापान दौरा 19 से 21 मई तक रहेगा। पीएम नरेंद्र मोदी इस दौरान जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो से मुलाकात करेंगे। जापान की अध्यक्षता में हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री भागीदार देशों के साथ जी-7 सत्रों में बोलेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि जी-7 की बैठक में पीएम मोदी अन्य देशों के साथ शांति, स्थिरता, खाद्यान्न, ऊर्जा और उर्वरक जैसे मुद्दों पर बात करेंगे।

पहली बार जाएंगे हिरोशिमा

जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने बताया कि पीएम मोदी पहली बार हिरोशिमा जाएंगे। जी-7 सम्मेलन से इतर पीएम जापानी पीएम फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा करेंगे। हिरोशिमा शहर में वह महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। जापान के पीएम ने जी-7 सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया है।

किसी भारतीय पीएम की पापुआ न्यू गिनी की ये पहली यात्रा

दूसरे चरण में पीएम 21 मई को पोर्ट मोरेस्बी, पापुआ न्यू गिनी पहुंचेंगे, जहां पापुआ न्यू गिनी के पीएम जेम्स मारपे के साथ संयुक्त रूप से भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग फोरम (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी की यह पहली यात्रा होगी। वर्ष 2014 में स्थापित किए गए एफआईपीआईसी में भारत और 14 प्रशांत द्वीप देश शामिल हैं - जिनमें फिजी, पापुआ न्यू गिनी, टोंगा, तुवालु, किरिबाती, समोआ, वानुअतु, नीयू, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेशिया, रिपब्लिक ऑफ मार्शल आइलैंड्स, कुक आइलैंड्स, पलाऊ, नाउरू और सोलोमन द्वीप सम्मिलित हैं

ऑस्ट्रेलियाई में 22-24 मई तक रहेंगे

तीसरे और आखिरी चरण में वह ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीस के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए 22-24 मई को सिडनी में होंगे। यात्रा आखिरी पड़ाव पर मोदी ऑस्ट्रेलयाई समकक्ष के साथ सिडनी में हजारों प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे। सांस्कृतिक, व्यावसायिक और प्रवासी भारतीयों से जुड़े मुद्दों के लिहाज से उनकी यह यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है।

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May 18 2023, 19:32

*कांग्रेस में पुरानी है 'कलह' की कहानी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद कर्नाटक में भी नए “नाटक” से नहीं कर सकते इनकार*

#thecongressstuckonthefaceofthechiefministerinkarnatakatoo

कर्नाटक में कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहा घमासान खत्म हो गया है। आलाकमान ने सिद्धारमैया पर भरोसा दिखाते हुए उन्हें दूसरी बार राज्य का सीएम बनाने का फैसला किया है।। वहीं डीके शिवकुमार भी डिप्टी सीएम बनने पर मान गए हैं।दोनों नेताओं को सीएम और डिप्टी सीएम की कुर्सी 20 मई को शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही सौंप दी जाएगी। वैसे कर्नाटक की किचकिट तो खत्म हो गई है, लेकिन कांग्रेस में 'कलह' की ऐसी कहानी नई नहीं है। इससे पहले साल 2018 में कांग्रेस ने तीन राज्यों (राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश) में अपने दम पर बहुमत हासिल किया था और सरकार बनाई लेकिन मुख्यमंत्री और उसके नेताओं के बीच में विवाद सामने आते रहे।

ये सन्नाटा किसी बड़े तूफान

13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नजीते आए। कांग्रेस ने राज्य में बंपर जीत हासिल की। कांग्रेस ने 224 विधानसभा सीटों में से 135 सीटों पर जीत दर्ज की है। लेकिन सीएम फेस को लेकर 5 दिनों तक महामंथन चलता रहा। शिवकुमार और सिद्धारमैया में से कोई भी अपनी दावेदारी को छोड़ने को लेकर तैयार नहीं था। आखिरकार पांचवें दिन सब शांत हो गया।लेकिन सवाल अभी भी बाकी है क्या ये सन्नाटा किसी बड़े तूफान के आने से पहले का है।। इसके संकेत डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश के ताजा बयान से मिल रहे हैं। डीके सुरेश ने उनके भाई को मुख्यमंत्री ना बनाने पर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की है।

क्या हुआ था मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़

दरअसल कर्नाटक जैसे हालात का सामना कांग्रेस पहले भी कर चुकी है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को तीन राज्यों में अपने दम पर बहुमत मिला। इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश राज्य थे। जहां छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 15 साल बाद सरकार बनाने के लिए बहुमत मिला था। इन तीनों ही राज्यों में बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस को मुख्यमंत्री के लिए कई दिनों तक माथापच्ची करनी पड़ी। मध्य प्रदेश में एक ओर कमलनाथ और दूसरी तरफ सिंधिया मुख्यमंत्री पद के लिए ताल ठोक रहे थे। राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच कुर्सी को लेकर तनातनी शुरू हो गई। इधर, छत्तीसगढ़ में टीएस सिंह देव और भूपेश बघेल के बीच सीएम की कुर्सी को लेकर ठन गई थी। 

जब सिंधिया की बगावत से 15 महीने में गिर गई सरकार

2018 में जब कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल किया तब वहां भी ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच कुर्सी के लिए खींचतान शुरू हुई। तब आलकमान यानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जैसे तैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया को मनाया और सीएम की कुर्सी कमलनाथ को सौंप दी। यूं तो चुनौती थी कि मुख्यमंत्री अनुभवी नेता को बनाया जाए या युवा नेता की दावेदारी पर गौर किया जाए। इस दुविधा के बाद फैसला कमनाथ के पक्ष में रहा। यहीं से कांग्रेस पार्टी के भीतर खींचतान बढ़ती गई। बात इतनी बिगड़ी कि 15 महीने में ही सिंधिया ने बगावत कर दी। 18 साल पार्टी में रहे सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वॉइन कर ली।

राजस्थान में भी जारी है रार

राजस्थान में कांग्रेस के हालात किसी से छुपे नहीं है। 2018 के विधानसभा चुनावों कांग्रेस ने 100 सीटें जीती थी। जब मुख्यमंत्री का नाम तय करने की बारी आई तो अशोक गहलोत और सचिन पायलट में सीएम की कुर्सी को लेकर खींचतान शुरू हो गई। दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के सामने 5 दिन तक रस्साकस्सी होती रही। अंत में कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया। 17 दिसंबर 2018 को गहलोत ने मुख्यमंत्री और पायलट ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन दिनों ऐसा माना जा रहा था कि ढाई साल बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यही वजह है कि आज तक गहलोत और पायलट के बीच नूरा कुश्ती जारी है।

जब बघेल ने नहीं छोड़ा सीएम पद

मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसा ही हाल छत्तीसगढ़ में हुआ। भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की चुनाव लड़ा और पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की। लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कांग्रेस में यहां भी पेंच फंस गया। भूपेश बघेल के साथ-साथ कांग्रेस से वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गए और उन्होंने भूपेश बघेल के सामने ताल ठोक दी। इससे कांग्रेस आलाकमान परेशान हो गया। कांग्रेस आलाकमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया और लंबी बातचीत के बाद दोनों नेताओं में सुलह कराने में सफल रहा। आलाकमान ने छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री बनाने का भरोसा दिया। भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया गया और टीएस सिंह देव को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। लेकिन भूपेश सरकार के ढाई साल पूरे होने के उन्होंने सीएम पद नहीं छोड़ा और बाद में टीएस सिंह देव काफी पीछे रह गए और उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 

कहीं नाराजगी ना दिखा दे असर

इधर कर्नाटक में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलते ही मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए कांग्रेस में फिर खींचतान शुरू हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच रस्सा कस्सी शुरू हो गई। चार दिन तक दिल्ली में जोर आजमाइश चलती रही। आखिर में कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया। डीके शिवकुमार को यह कहकर विश्वास में लिया कि सिद्धारमैया डीके शिवकुमार से पूछे बिना कोई निर्णय नहीं लेंगे। इसके बाद शिवकुमार भी मान गए। हालांकि, डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश ने उनके भाई को मुख्यमंत्री ना बनाने पर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की है। डीके शिवकुमार के भाई ने मीडिया से कहा कि मैं फैसले से खुश नहीं हूं, डीके शिवकुमार ने कर्नाटक के लोगों के हित में ये फैसला स्वीकार किया है।इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि हम भविष्य में देखेंगे।। अभी तो लंबा रास्ता तय करना है। हम देखेंगे कि हमें आगे क्या करना है। जिस तरह से डीके सुरेश खुलकर अपने भाई का समर्थन कर रहे हैं उससे आने वाले समय में कर्नाटक में किसी नए नाटक से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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May 18 2023, 18:10

मोदी मंत्रिमंडल में एक और बदलाव, रिजिजू के बाद राज्य मंत्री बघेल की भी कानून मंत्रालय से छुट्टी, मिली स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी

#law_ministry_change_sp_singh_baghel

केंद्रीय मंत्रिपरिषद में गुरुवार को अचानक फेरबदल किए गए। पहले किरेन रिजिजू और अब कानून राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल का मंत्रालय बदला गया है।अब वे कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के स्थान पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री होंगे। राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी किए गए एक बयान में इसकी जानकारी दी गई है।।

राष्ट्रपति के प्रेस सचिव की ओर जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि भारत के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह के अनुसार राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त करने का निर्देश दिया है।

एसपी सिंह बघेल के पोर्टफोलियो में बदलाव ऐसे समय पर हुआ है, जब केंद्र सरकार ने गुरुवार सुबह किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटा दिया। किरेन रिजिजू को पृथ्वी मंत्रालय की कमान दी गई है। रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को नया कानून मंत्री बनाया गया है।राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्रियों के बीच विभागों का फिर से बंटवारा किया है।

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May 18 2023, 16:31

पीएम मोदी ने 17वीं वंदे भारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी, पुरी हावड़ा रूट के लिए सौगात

#17thvandebharattrainflaggoffforhowrahpuri_route

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज एक और वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन कर दिया है। ये देश को दी जाने वाली 17वीं वंदे भारत ट्रेन है। पीएम मोदी ने पुरी हावड़ा रूट पर वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन किया है।पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुरी हावड़ा रूट के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई।इसके साथ ही पीएम ने 8200 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इसमें पुरी और कटक रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की परियोजना भी शामिल है, जिसका शिलान्यास पीएम मोदी ने किया।

इन रुटों से होकर गुजरेगी ओडिशा में वंदे भारत

पीएम मोदी आज ओडिशा को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात दी है, जो ओडिशा के खोरधा, कटक, जाजपुर, भद्रक, बालासोर जिलों और पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व मेदिनीपुर जिलों से होकर गुजरेगी।इसी के साथ पश्चिम बंगाल को उसकी दूसरी वंदे भारत ट्रेन मिल गई हैय़ यहां पहली ट्रेन का उद्घाटन हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी रूट के लिए हुआ था।

ट्रेन का टाइम टेबल और पूरा शेड्यूल

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गाड़ी संख्या 22895/22896 रोजाना 20 मई से हफ्ते में 6 दिन पटरियों पर दौड़ेगी। ओडिशा के पुरी से जिस वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन किया गया वो हफ्ते में 6 दिन चलेगी और केवल गुरुवार के दिन बंद रहेगी। ओडिशा की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 16 कोच वाली होगी और पुरी से हावड़ा की दूरी 6.30 घंटे में पूरी करेगी।ये ट्रेन सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर हावड़ा से निकलेगी और दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर पुरी पहुंचेगी। वापसी के लिए दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर पुरी से रवाना होगी और रात 8 बजकर 30 मिनट पर हावड़ा पहुंचेगी।

जाने क्या होगा किराया?

ट्रेन में दो तहर के कोच हैं। पहला AC चेयर और दूसरा एग्जिक्यूटिव चेयर कार। AC चेयर की कीमत 1430 रुपए है। इसमें 328 रुपए केटरिंग के भी शामिल है। वहीं एग्जिक्यूटिव चेयर कार की कीमत 2615 रुपए है। इसमें भी केटरिंग चार्ज 389 शामिल है।

अब तक 15 राज्यों को वंदे बारत रेल का तोहफा

वंदे भारत ट्रेन को सेमी हाई स्पीड ट्रेन के रूप में जाना जाता है। सरकार अब तक 15 राज्यों को इसका तोहफा दे चुकी है। इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, राजस्थान और हरियाणा शामिल हैय़ यानी वंदे भारत ट्रेन को इन राज्यों के शहरों के बीच शुरू किया जा चुका है।

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May 18 2023, 16:03

पश्चिम बंगाल में रिलीज होगी ‘द केरल स्टोरी’, सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटाया

#the_kerala_story_to_be_released_in_west_bengal

सुप्रीम कोर्ट से ममता बनर्जी की पश्‍च‍िम बंगाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को सर्वोच्‍च अदालत ने 'द केरल स्‍टोरी' फिल्‍म पर राज्‍य में लगे बैन को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अदा शर्मा अभिनीत फिल्म 'द केरल स्टोरी' अब बंगाल में भी रिलीज हो सकेगी।अब जल्द ही बंगाल के सिनेमाघरों में भी दर्शक इस फिल्म को देख सकेंगे।कोर्ट का यह फैसला फिल्‍म मेकर्स की ओर से बैन के ख‍िलाफ दाख‍िल अर्जी पर आया है।

कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि पश्‍च‍िम बंगाल सरकार के पास फिल्‍म को बैन करने के लिए कोई पुख्‍ता कारण नहीं हैं।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने बंगाल सरकार से कहा कि शक्ति का प्रयोग संयम से किया जाना चाहिए. फिल्म को एक जिले विशेष पर प्रतिबंधित किया जा सकता है लेकिन पूरे राज्य में नहीं! जनता की भावनाओं को नियंत्रित करना सरकार का विशेषाधिकार है. फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत ने यह भी साफ किया है कि वह खुद भी 'द केरल स्‍टोरी' फिल्‍म देखेंगे।

बंगाल सरकार ने कहा कि दंगे की आशंका के मद्देनजर प्रतिबंध लगाया

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें पेश कीं। पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि दंगे की आशंका के मद्देनजर प्रतिबंध लगाया गया। इस पर सीजेआई ने कहा कि कानून व्यवस्था कायम रखना राज्य की जिम्मेदारी है। सीजेआई ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखना भी राज्य की जिम्मेदारी है।सीजेआई ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना आपका कर्तव्य है। आप समाज में किसी भी 13 लोगों को चुन लेते हैं और कुछ भी प्रतिबंध लगा देंगे। जब तक कि आप खेल नहीं दिखा रहे हैं या कार्टून। सीजेआई ने कहा कि धारा 6 का इस्तेमाल सार्वजनिक असहिष्णुता के मद्देनजर नहीं किया जा सकता है।

एक जिले में समस्या होगी तो सभी जगह प्रतिबंध नहीं लगाया जाता

सिंघवी ने कहा कि फिल्म 5 मई से 8 मई तक चली, हमने इसे बंद नहीं किया। हमने सुरक्षा मुहैया कराई थी। खुफिया रिपोर्ट से गंभीर खतरे की जानकारी मिली। सीजेआई ने कहा कि एक जिले में समस्या होगी तो सभी जगह प्रतिबंध नहीं लगाया जाता। यह जरूरी नहीं कि सभी जगह डेमोग्राफिक समस्या एक जैसी हो।उत्तर में अलग है, दक्षिण में अलग है। आप मूल अधिकार को इस तरह से छीन नहीं सकते।

तमिलनाडु में फिल्म बैन पर लिया संज्ञान

कोर्ट ने इसके साथ ही इस प्रतिवेदन पर संज्ञान लिया कि तमिलनाडु में फिल्म पर कोई बैन नहीं है। यही नहीं अदालत ने प्रदेश सरकार से फिल्म देखने जाने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। बेंच यह भी बोली कि फिल्म को मिले प्रमाण-पत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय के लिए कार्यवाही से पहले वह ‘दि केरला स्टोरी’ देखना चाहेगी। फिल्म को सीबीएफसी प्रमाणपत्र दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई होगी।

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May 18 2023, 15:25

किरण रिजिजू से क्यों छिना गया कानून मंत्रालय, क्या जूडिशरी से टकराव बनी वजह ?

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किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय वापस लिया गया है। किरण रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया गया है। रिजिजू को भू विज्ञान मंत्रालय दिया गया। जुलाई 2021 में रविशंकर प्रसाद की जगह पर रिजिजू को कानून मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अचानक किरेन रिजिजू के हाथों से कानून मंत्रालय क्यों छिन लिया गया? सवाल उठने लगे कि क्या सुप्रीम कोर्ट से उलझने के कारण कानून मंत्री हटाए गए?

करीब दो साल पहले रविशंकर प्रसाद को हटाकर किरेन रिजिजू को कानून मंत्री की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। आज सुबह अचानक राष्ट्रपति भवन से मोदी सरकार में बड़े फेरबदल का आदेश आया। रिजिजू को हटाकर राजस्थान के बड़े दलित नेता और कई मंत्रालय संभाल चुके अर्जुन राम मेघवाल को यह जिम्मेदारी दी गई है। रिजिजू को नया भूविज्ञान मंत्री बनाया गया है। यह फैसला क्यों लिया गया, इसकी दो प्रमुख वजहें हो सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट से टकराव बनी वजह?

कानून मंत्री रहते हुए किरेन रिजिजू लगातार न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे थे।कॉलेजियम व्यवस्था को लेकर किरेन लगातार न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे थे। सार्वजनिक तौर पर वह न्यायपालिका और न्यायाधीशों को लेकर तंज कस रहे थे। इससे न्यायपालिका और सरकार के बीच की दूरियां बढ़ने लगी थीं।हालात ऐसे बन गए कि सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ की गई टिप्पणी पर कार्रवाई की मांग की जाने लगी। हालांकि दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि उसके पास इससे निपटने के लिए व्यापक दृष्टिकोण है। 

हालांकि,पिछले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट के कई ऐसे फैसले आए, जो एक तरह से केंद्र सरकार के खिलाफ ही थे। ऐसे में अगर रिजिजू और न्यायपालिका के बीच का ये विवाद आगे भी जारी रहता तो आने वाले दिनों में केंद्र सरकार को ज्यादा फजीहत का सामना करना पड़ सकता था। अगले साल लोकसभा चुनाव भी है। इसलिए संभव है कि सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। संभव है कि इसी के चलते रिजिजू का मंत्रालय बदला गया हो।

राजस्थान और अरूणाचल प्रदेश का चुनाव तो नहीं है वजह?

मोदी कैबिनेट में फेरबदल की दूसरी बड़ी वजह चुनाव से भी जोड़कर देखी जा रही है।राजस्थान में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। वहीं, अगले साल अप्रैल में ही अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं।कर्नाटक में हार के बाद भाजपा कोई नया रिस्क नहीं लेना चाहती है। ऐसे में संभव है कि अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री का पद देकर राजस्थान को साधने की कोशिश की गई है।राजस्थान में दलितों की आबादी 17 फीसदी है। अर्जुन राम मेघवाल दलितों के बड़े नेता माने जाते हैं। बीकानेर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद का कद बढ़ाकर राजस्थान को संदेश देने की भी कोशिश की गई है। अब तक मेघवाल संस्कृति और संसदीय कार्य राज्यमंत्री थे।

वहीं, दूसरी तरफ अप्रैल में ही अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं। ऐसे में संभव है कि इसकी तैयारियों के लिए रिजिजू को फ्री किया गया हो। कानून मंत्री रहते हुए वह ज्यादा समय अरुणाचल प्रदेश में नहीं दे सकते थे। ऐसे में संभव है कि एक तरफ रिजिजू का फोकस अरुणाचल प्रदेश करने और इधर, राजस्थान में विधानसभा चुनावो के मद्देनजर मेघवाल की पद्दोन्नति करके भाजपा राजनीतिक फायदा उठाने की उम्मीद कर रही हो।